How we hear sound |
कोई आवाज़ होती और हम तुरंत सुन लेते हैं , पर ये बहुत ही काम्प्लेक्स है. हमारा कान एक अनोखा ऑर्गन है। बाहर से जो भी आवाज़ होती है अंदर परदे पे टकराते हुए , तीन हडियों को हिलाते हुए बिलकुल अंदरूनी कान में पहुँच जाती है जहाँ पर सुनने का एक और हिस्सा होता है जिसे हम COCHLEA कहते हैं। वहाँ पर बिजली जैसा करंट पैदा होता है जो की हमारी सुनने वाली नस से होते हुए दिमाग तक जाता है और इस प्रकार हम सुन्नते और समझते हैं.
सुनाई में कमी के कुछ कारण बच्चों और बड़ो में हैं :-
1) जन्म से सुनाई में कमी
2) बच्चे का न रोना या लेट रोना जब वो पैदा होता है
3) दिमागी बुखार
4) सर या कान में किसी तरह की गहरी चोट लगना
5) शोर वाली जगह में ज्यादा रहना
6) मोबाइल बहुत ज्यादा इस्तेमाल करना
ये कुछ कारण है जिनकी वजह से सुनने की क्षमता काम हो जाती है और बच्चे काफी लेट बोलते है या साफ़ नहीं बोलते। उसी तरह बड़ों को टीवी देखते हुए , फ़ोन पे बात करते हुए दिक्कत आने लगती है।
अगर इनमे से कोई भी लक्षण हमे दिखाई दे तो तुरंत अपने ऑडिओलॉजिस्ट से संपर्क करें सारे टेस्ट्स करवाएं और रिपोर्ट के अनुसार जो भी आपको सलाह दी जाए वो करें.
बच्चों में सर्जरी जिसे हम COCHLEAR इम्प्लांट कहते वो होता है या फिर कान की मशीन भी लगती है
बड़ों में ज्यादातर मशीन ही लगती है.
महत्वपूर्ण बात:- सुनने की समस्या होने पर अपने ऑडिओलॉजिस्ट से सलाह लें उनपे पूरा विश्वास रखें।
Hearing loss in children and adults |
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